अगर मैं सुन्दर न होती ?
सोचिये अगर मैं सुन्दर न होती तो क्या होता होता ?
तो मेरी बेस्ट फ्रेंड मेरी दोस्त न होती।
है न मज़ेदार बात।
तो हुआ कुछ यूँ की यूनिवर्सिटी हॉस्टल में मेरा पहला दिन था और मैं सारा दिन की आपाधापी के बाद शाम को मैं डिनर की घंटी का इंतज़ार कर रही थी।
मैं वहां किसी को जानती नहीं थी तो बाहर जाने से घबरा रही थी की कहीं
किसी सीनियर से न टकरा जाऊं। तभी मुझे लगा की कोई मुझे बुला रहा है मैंने
बाहर निकल कर देखा तो हलके हरे रंग का सूट पहने एक छोटी सी मोटी सी लड़की मुझे बुला रही थी वो तेज़ी से मेरे पास आई और बोली तुम क़ैसर हो न ?
मैंने कहा हां तो उसने बताया की वो मेरी क्लासमेट है। उसके बाद वो धपाक पलंग पे लेट गई और जो पहली बात उसने बोली वो यह थी
अच्छा हुआ भगवान की तुम सुन्दर हो वर्ना मैं तो डर रही थी की कहीं कोई काली सी गन्दी सी लड़की हुई तो मैं उसके साथ कैसे रहूंगी।
मुझे तब उसकी यह बात बहुत बुरी लगी।
पर फिर मुझे लगा की वो बहुत मिलनसार और
मज़ेदार लड़की है। और फिर हम दोस्त बन गए और ये दोस्ती आज भी कायम है और मुझे ख़ुशी है की हॉस्टल में हर तरह के दोस्त मिलनेसे सुंदरता को लेकर उसकी सोच भी बदल गई।
अब एक सवाल मेरे दोस्तों के लिए बताओ वो कोन है ?
मैं वहां किसी को जानती नहीं थी तो बाहर जाने से घबरा रही थी की कहीं
किसी सीनियर से न टकरा जाऊं। तभी मुझे लगा की कोई मुझे बुला रहा है मैंने
बाहर निकल कर देखा तो हलके हरे रंग का सूट पहने एक छोटी सी मोटी सी लड़की मुझे बुला रही थी वो तेज़ी से मेरे पास आई और बोली तुम क़ैसर हो न ?
मैंने कहा हां तो उसने बताया की वो मेरी क्लासमेट है। उसके बाद वो धपाक पलंग पे लेट गई और जो पहली बात उसने बोली वो यह थी
अच्छा हुआ भगवान की तुम सुन्दर हो वर्ना मैं तो डर रही थी की कहीं कोई काली सी गन्दी सी लड़की हुई तो मैं उसके साथ कैसे रहूंगी।
मुझे तब उसकी यह बात बहुत बुरी लगी।
पर फिर मुझे लगा की वो बहुत मिलनसार और
मज़ेदार लड़की है। और फिर हम दोस्त बन गए और ये दोस्ती आज भी कायम है और मुझे ख़ुशी है की हॉस्टल में हर तरह के दोस्त मिलनेसे सुंदरता को लेकर उसकी सोच भी बदल गई।
अब एक सवाल मेरे दोस्तों के लिए बताओ वो कोन है ?
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